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Thursday, August 29, 2013

सबसे बड़ी घृणा

हम युद्ध के बारे में सुना है, यह कई समस्याओं का कारण बनता है. यह मानव जाति हमेशा युद्ध होगा कि लग रहे हैं. सबसे बड़ा युद्ध चुप है और इसके बारे में कोई भी बात करती है.

भगवान के खिलाफ मानव जाति के झगड़े. लोग भगवान के प्रति एक घृणा है और यह उनकी आत्मा असर होगा. एक व्यक्ति भगवान नहीं है, तो फिर वे आत्मा में एक युद्ध होगा. मैं यीशु का पालन नहीं करते हैं तो मैं भगवान और मानवता के साथ संघर्ष करना होगा.



मैंने अपने जीवन में उसकी माफी के लिए उसे भगवान और पूछने के लिए जाते हैं. मैं पाप और भगवान ने मुझे पाप नहीं कर सकता है क्योंकि मैं अपने संघर्ष के लिए भगवान को दोष नहीं दे सकते. मैं यीशु का पालन करें और मैं अपने जीवन में यीशु को अस्वीकार जब नफरत है जब प्यार है. मैं तो पाप फिर, अगर मैं माफी माँगने के लिए की जरूरत है. पश्चाताप सच है तो मैं एक परिवर्तन जीवन होगा.

मैं दया में विश्वास करते हैं, लेकिन हम यीशु के अनुग्रह का दुरुपयोग करने की जरूरत नहीं है. हम पाप अगर हम पश्चाताप करना चाहिए और फिर से पाप करने के लिए नहीं.



नीतिवचन 10:12

 दुष्ट के मुख से घृणा भेद—भावों को उत्तेजित करती है जबकि प्रेम सब दोषों को ढक लेता है।

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