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Friday, September 18, 2015

आस्था और कार्रवाई

मैं विश्वास के बारे में सोचना मैं विश्वसनीय सूत्रों का लगता है। एक व्यक्ति को तो वे विश्वास करेगा जानकारी पढ़ सकते हैं। विश्वास तर्क में आधारित होने की जरूरत है एक धारणा में एक व्यक्ति पर भरोसा तो कार्रवाई घटित होगा जब

मैं भगवान और क्योंकि मृत सागर स्क्रॉल बाइबल में विश्वास करते हैं गुफाओं में ही बाइबिल और बाइबिल मैं आज पढ़ा कि मैं यीशु में विश्वास कर सकते हैं

मैं यीशु में विश्वास के बाद से तो मैं कार्रवाई करनी होगी।

प्रभु में विश्वास अब्राहम के सेवकों वे भगवान वफादार है कि समझ में आया। वे इब्राहीम के बेटे के लिए एक पत्नी हो जाएगा कि यह माना जाता है।

भगवान इस्साक करने के लिए एक खूबसूरत औरत दे दी है।

भगवान एक व्यक्ति की जरूरत है कि क्या एक व्यक्ति को दे देंगे। एक व्यक्ति को बाइबिल की भगवान में विश्वास नहीं है तो वह सच अनुसंधान करने की जरूरत है। बाइबल के भगवान सब कुछ खत्म भगवान है।



उत्पत्ति 24:39-49

 

39 मैंने अपने मालिक से कहा, ‘यह हो सकता है कि वह दुल्हन मेरे साथ इस देश को न आए।’ 40 लेकिन मेरे मालिक ने कहा, ‘मैं यहोवा की सेवा करता हूँ और यहोवा तुम्हारे साथ अपना दूत भेजेगा और तुम्हारी मद्द करेगा। तुम्हें वहाँ मेरे अपने लोगों में मेरे पुत्र के लिए एक दुल्हन मिलेगी। 41 किन्तु यदि तुम मेरे पिता के देश को जाते हो और वे लोग मेरे पुत्र के लिए एक दुल्हन देने से मना करते हैं तो तुम्हें इस वचन से छुटकारा मिल जाएगा।’
42 “आज मैं इस कुएँ पर आया और मैंने कहा, ‘हे यहोवा मेरे मालिक के परमेश्वर कृपा करके मेरी यात्रा सफल बना। 43 मैं यहाँ कुएँ के पास ठहरूँगा और पानी भरने के लिए आने वाली किसी युवती की प्रतीक्षा करूँगा। तब मैं कहूँगा, “कृपा करके आप अपने घड़े से पीने के लिए पानी दें।” 44 उपयुक्त लड़की ही विशेष रूप से उत्तर देगी। वह कहेगी, “यह पानी पीओ और मैं तुम्हारे ऊँटों के लिए भी पानी लाती हूँ।” इस तरह मैं जानूँगा कि यह वही स्त्री है जिसे यहोवा ने मेरे मालिक के पुत्र के लिए चुना है।’”
45 “मेरी प्रार्थना पूरी होने के पहले ही रिबका कुएँ पर पानी भरने आई। पानी का घड़ा उसने अपने कंधे पर ले रखा था। वह कुएँ तक गई और उसने पानी भरा। मैंने इससे कहा, “कृपा करके मुझे पानी दें। 46 उसने तुरन्त कंधे से घड़े को झुकाया और मेरे लिए पानी डाला और कहा, ‘यह पीएँ और मैं आपके ऊँटों के लिए भी पानी लाऊँगी।’ इसलिए मैंने पानी पीया और अपने ऊँटों को भी पानी पिलाया। 47 तब मैंने इससे पूछा, ‘तुम्हारे पिता कौन हैं?’ इसने उत्तर दिया, ‘मेरा पिता बतूएल है। मेरे पिता के माता—पिता मिल्का और नाहोर हैं।’ तब मैंने इसे अँगूठी और बाहों के लिए बाजूबन्द दिए। 48 उस समय मैंने अपना सिर झुकाया और यहोवा को धन्य कहा। मैंने अपने मालिक इब्राहीम के परमेश्वर यहोवा को कृपालु कहा। मैंने उसे धन्य कहा क्योंकि उसने सीधे मेरे मालिक के भाई की पोती तक मुझे पहुँचाया। 49 अब बताओ कि तुम क्या करोगे? क्या तुम मेरे मालिक पर दयालु और श्रद्धालु बनोगे और अपनी पुत्री उसे दोगे? या तुम अपनी पुत्री देना मना करोगे? मुझे बताओ, जिससे मैं यह समझ सकूँ कि मुझे क्या करना है।”

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