महायाजक की छाती में एक कीमती पत्थर इस प्रकार मसीह को प्यारी सभी संन्यासी के रूप में यह किया गया था.
महायाजक जनजातियों के नाम और उनके कंधों पर है और उसके स्तन पर दोनों की थी.
हमारे प्रभु यीशु pleads उन लोगों के लिए अपने हैं कि जिसके साथ शक्ति और प्यार की याद दिलाता है. वह सर्वशक्तिमान ताकत के साथ अपनी बाहों में उन्हें भालू न केवल. उन्होंने कहा कि निविदा स्नेह के साथ उसकी छाती में उन्हें वहन करती है. क्या आराम यह भगवान के लिए हमारे सभी पतों में हमारे लिए है! उन्होंने सत्य प्रकाश, विश्वासयोग्य साक्षी, सत्य ही है, और उसके पास से हम सब सच में जो होता है सत्य का आत्मा, प्राप्त करते हैं.
निर्गमन 28:15-30
15 “महायाजक के लिए सीनाबन्द बनाओ। कुशल कारीगर इस सीनाबन्द को वैसे ही बनाएं जैसे एपोद को बनाया। वे सुनहरे धागे, सन के उत्तम रेशों तथा नीले, लाल और बैंगनी कपड़े का उपयोग करें। 16 सीनाबन्द नौ इंच लम्बा और नौ इंच [ चौड़ा होना चाहिए। चौकोर जेब बनाने के लिए इसकी दो तह करनी चाहिए। 17 सीनाबन्द पर सुन्दर रत्नों की चार पक्तियाँ जड़ो। रत्नों की पहली पंक्ति में एक लाल, एक पुखराज और एक मर्कत मणि होनी चाहिए। 18 दूसरी पंक्ति में फिरोजा, नीलम तथा पन्ना होना चाहिए। 19 तीसरी पंक्ति मे धुम्रकान्त, अकीक और याकूत लगना चाहिए। 20 चौथी पंक्ति में लहसुनिया, गोमेदक रत्न और कपिश मणि लगानी चाहिए। सीनाबन्द पर इन्हें लगाने के लिए उन्हें सोने मे जड़ो। 21 सीनाबन्द पर बारह रत्न होंगे जो इस्राएल के बारह पुत्रों का एक प्रतिनिधित्व करेंगे। हर एक नग पर इस्राएल के पुत्रों में से एक—एक का नाम लिखो। मुहर की तरह हर एक नग पर इन नामों को खोदो।
22 “सीनाबन्द के चारों ओर जाती हुई सोने की जंजीरें बनाओ। ये जंजीर बटी हुई रस्सी की तरह होगी। 23 दो सोने के छल्ले बनाओ और इन्हें सीनाबन्द के दोनों कोनों पर लगाओ। 24 (दोनों सुनहरी जंजीरों को सीनाबन्द में दोनों में लगे छल्लों में डालो।) 25 सोने की जंजीरों के दूसरे सिरों को कंधे की पट्टियों पर के जड़ाव में लगाओ। जिससे वे एपोद के साथ सोने पर कसे रहें। 26 दो अन्य सोने के छल्ले बनाओ और उन्हें सीनाबन्द के दूसरे दोनों कोनों पर लगाओ। इस सीनाबन्द का भीतरी भाग एपोद के समीप होगा। 27 दो और सोने के छल्ले बनाओ और उन्हें कंधे की पट्टी के तले एपोद के सामने लगाओ। सोने के छल्लों को एपोद की पेटी के समीप ऊपर के स्थान पर लगाओ। 28 सीनाबन्द के छल्लों को एपोद के छल्लों से जोड़ो। उन्हें पेटी से एक साथ जोड़ने के लिए नीली पट्टियों का उपयोग करो। इस प्रकार सीनाबन्द एपोद से अलग नहीं होगा।
29 “हारून जब पवित्र स्थान में प्रवेश करे तो उसे इस सीनाबन्द को पहने रहना चाहिए। इस प्रकार इस्राएल के बारहों पुत्रों के नाम उसके मन में रहेंगे और यहोवा को सदा ही उन लोगों की याद दिलाई जाती रहेगी। 30 ऊरीम और तुम्मीम को सीनाबन्द में रखो। हारून जब यहोवा के सामने जाएगा तब ये सभी चीज़ें उसे याद होंगी। इसलिए हारून जब यहोवा के सामने होगा तब वह इस्राएल के लोगों का न्याय करने का साधन सदा अपने साथ रखेगा।”
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