मानव जाति के पाप किया है क्योंकि हम इस दुनिया में कष्टों है . भगवान ने मानव जाति के लिए एक आदर्श जगह बनाया गया लेकिन भगवान मानव जाति के लिए दो विकल्प देते हैं. वे भगवान का पालन करें या भगवान को अस्वीकार कर सकते हैं . मना किया था कि एक पेड़ थे. एडम पेड़ से खाने के लिए नहीं था . ईव एक सांप से बात कर रहा था . सांप का नाम शैतान था .
शैतान स्वर्ग में एक शक्तिशाली था . शैतान अंहकारी था और वह भगवान बनना चाहता था . वह ईडन गार्डन में था तो शैतान गौरव स्वर्ग से उसे वापस भेजा . उन्होंने कहा कि मानव जाति को चोट करना चाहता था .
आदम और हव्वा फल खा लिया और वे पाप किया . अधर्म के ईडन गार्डन में नहीं किया जा सकता है ताकि वे गार्डन से निर्वासित किया गया था. मैनकाइंड भगवान से अलग हो गया था .
इस नए बुरा है , लेकिन मैं अच्छी खबर है . यीशु इस दुनिया में आया . यीशु परमेश्वर है और वह हमारे पापों के लिए क्रूस पर मृत्यु हो गई . उन्होंने कहा कि मृत्यु पर विजय प्राप्त की . यीशु है और सही मेमने बलिदान था . विश्व शांति की इच्छा , शांति की अवधारणा यीशु में पाया जाता है . एक व्यक्ति को इस दुनिया में शांति है और भगवान के साथ शांति हो सकती है . एक व्यक्ति नरक से बचने और स्वर्ग में प्रवेश कर सकते हैं .
उत्पत्ति 3:1-13
यहोवा द्वारा बनाए गए सभी जानवरों में सबसे अधिक चतुर साँप था। (वह स्त्री को धोखा देना चाहता था।) साँप ने कहा, “हे स्त्री क्या परमेश्वर ने सच—मुच तुमसे कहा है कि तुम बाग के किसी पेड़ से फल ना खाना?”
2 स्त्री ने कहा, “नहीं परमेश्वर ने यह नहीं कहा। हम बाग़ के पेड़ों से फल खा सकते हैं। 3 लेकिन एक पेड़ है जिसके फल हम लोग नहीं खा सकते । परमेश्वर ने हम लोगों से कहा, ‘बाग के बीच के पेड़ के फल तुम नहीं खा सकते, तुम उसे छूना भी नहीं, नहीं तो मर जाओगे।’”4 लेकिन साँप ने स्त्री से कहा, “तुम मरोगी नहीं। 5 परमेश्वर जानता है कि यदि तुम लोग उस पेड़ से फल खाओगे तो अच्छे और बुरे के बारे में जान जाओगे और तब तुम परमेश्वर के समान हो जाओगे।”
6 स्त्री ने देखा कि पेड़ सुन्दर है। उसने देखा कि फल खाने के लिए अच्छा है और पेड़ उसे बुद्धिमान बनाएगा। तब स्त्री ने पेड़ से फल लिया और उसे खाया। उसका पति भी उसके साथ था इसलिए उसने कुछ फल उसे दिया और उसने उसे खाया।
7 तब पुरुष और स्त्री दोनों बदल गए। उनकी आँखें खुल गईं और उन्होंने वस्तुओं को भिन्न दृष्टि से देखा। उन्होंने देखा कि उनके कपड़े नहीं हैं, वे नंगे हैं। इसलिए उन्होंने कुछ अंजीर के पत्ते लेकर उन्हें जोड़ा और कपड़ो के स्थान पर अपने लिए पहना।
8 तब पुरुष और स्त्री ने दिन के ठण्डे समय में यहोवा परमेश्वर के आने की आवाज बाग में सुनी। वे बाग मे पेड़ों के बीच में छिप गए। 9 यहोवा परमेश्वर ने पुकार कर पुरुष से पूछा, “तुम कहाँ हो?”
10 पुरुष ने कहा, “मैंने बाग में तेरे आने की आवाज सुनी और मैं डर गया। मैं नंगा था, इसलिए छिप गया।”
11 यहोवा परमेश्वर ने पुरुष से पूछा, “तुम्हें किसने बताया कि तुम नंगे हो? तुम किस कारण से शरमाए? क्या तुमने उस विशेष पेड़ का फल खाया जिसे मैंने तुम्हें न खाने की आज्ञा दी थी?”
12 पुरुष ने कहा, “तूने जो स्त्री मेरे लिए बनाई उसने उस पेड़ से मुझे फल दिया, और मैंने उसे खाया।”
13 तब यहोवा परमेश्वर ने स्त्री से कहा, “यह तुने क्या किया?” स्त्री ने कहा, “साँप ने मुझे धोखा दिया। उसने मुझे बेवकूफ बनाया और मैंने फल खा लिया।”
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