भगवान मानव जाति का काम मुश्किल हो नहीं करना चाहता था लेकिन अभिशाप करियर में समस्याएं हैं कि है.
एडम पाप किया है, क्योंकि कई बार, मैं अपने काम पर तनाव महसूस करते हैं. हर कोई अपने काम में तनाव है. हम कई वर्षों के लिए काम करते हैं और फिर नौकरियों के तनाव मौत का कारण बनता है.
मैं कोई सही काम है कि वहाँ समझते हैं और हमेशा अपूर्ण नौकरी में तनाव नहीं होगा. एक व्यक्ति प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु के रूप में स्वीकार करता है तो उस व्यक्ति को अपने कैरियर में भगवान का सम्मान कर सकते हैं. एक व्यक्ति को पैसे कमा सकते हैं और व्यक्ति स्वर्ग में अनन्त पैसे कमा सकते हैं. एक व्यक्ति अपने काम में उद्देश्य हो सकता है. वे प्रभु के इधार काम अगर भगवान, मानव जाति के काम के एवज में कर सकते हैं.
उत्पत्ति 3:17-19
17 तब यहोवा परमेश्वर ने मनुष्य से कहा,
“मैंने आज्ञा दी थी कि तुम विशेष पेड़ का फल न खाना।
किन्तु तुमने अपनी पत्नी की बातें सुनीं और तुमने उस पेड़ का फल खाया।
इसलिए मैं तुम्हारे कारण इस भूमि को शाप देता हूँ
अपने जीवन के पूरे काल तक उस भोजन के लिए जो धरती देती है।
तुम्हें कठिन मेहनत करनी पड़ेगी।
18 तुम उन पेड़ पौधों को खाओगे जो खेतों में उगते हैं।
किन्तु भूमि तुम्हारे लिए काँटे और खर—पतवार पैदा करेगी।
19 तुम अपने भोजन के लिए कठिन परिश्रम करोगे।
तुम तब तक परिश्रम करोगे जब तक माथे पर पसीना ना आ जाए।
तुम तब तक कठिन मेहनत करोगे जब तक तुम्हारी मृत्यु न आ जाए।
उस समय तुम दुबारा मिट्टी बन जाओगे।
जब मैंने तुमको बनाया था, तब तुम्हें मिट्टी से बनाया था
और जब तुम मरोगे तब तुम उसी मिट्टी में पुनः मिल जाओगे।”
किन्तु तुमने अपनी पत्नी की बातें सुनीं और तुमने उस पेड़ का फल खाया।
इसलिए मैं तुम्हारे कारण इस भूमि को शाप देता हूँ
अपने जीवन के पूरे काल तक उस भोजन के लिए जो धरती देती है।
तुम्हें कठिन मेहनत करनी पड़ेगी।
18 तुम उन पेड़ पौधों को खाओगे जो खेतों में उगते हैं।
किन्तु भूमि तुम्हारे लिए काँटे और खर—पतवार पैदा करेगी।
19 तुम अपने भोजन के लिए कठिन परिश्रम करोगे।
तुम तब तक परिश्रम करोगे जब तक माथे पर पसीना ना आ जाए।
तुम तब तक कठिन मेहनत करोगे जब तक तुम्हारी मृत्यु न आ जाए।
उस समय तुम दुबारा मिट्टी बन जाओगे।
जब मैंने तुमको बनाया था, तब तुम्हें मिट्टी से बनाया था
और जब तुम मरोगे तब तुम उसी मिट्टी में पुनः मिल जाओगे।”
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