भगवान अपने वादे का सम्मान है और वह सब कुछ जानता है।
भगवान इसराइल भुगतना होगा कि पता था, लेकिन वह यहूदियों को प्रोत्साहित करना चाहता था। यहूदियों दर्द होता है कि राष्ट्र भगवान से दंडित किया जाएगा। वे यहूदियों mistreated क्योंकि मिस्र दंडित किया जाएगा।
लोग यहूदियों यहूदियों का सम्मान नहीं है और शाप देने की जरूरत है।
भगवान यहूदियों के लिए पवित्र भूमि दे दी है इससे पहले कई देशों पवित्र भूमि में थे।
ये देश पश्चाताप करने के लिए एक समय था, लेकिन इन देशों भगवान से भी अधिक पाप प्यार करता था।
मैं लोगों के लिए कुछ अच्छी खबर है। मैं एक महान संदेश है।
बाइबल के भगवान इस धरती के लिए खुद का पता चला। यीशु निर्माता है और इस पृथ्वी पर आया था।
वह एक परिपूर्ण जीवन रहते थे और क्रूस पर मृत्यु हो गई। उन्होंने कहा कि पुराने करार बलि प्रणाली को पूरा किया।
यीशु ने मृत्यु पर विजय प्राप्त की। मैनकाइंड यीशु अपने पापों से पश्चाताप और पालन करने की जरूरत है।
उत्पत्ति 15:13-21
13 तब यहोवा ने अब्राम से कहा, “तुम्हें ये बातें जाननी चहिए। तुम्हारे वंशज विदेशी बनेंगे और वे उस देश में जांएगे जो उनका नहीं होगा। वे वहाँ दास होंगे। चार सौ वर्ष तक उनके साथ बुरा व्यवहार होगा। 14 मैं उस राष्ट्र का न्याय करूँगा तथा उसे सजा दूँगा, जिसने उन्हें गुलाम बनाया और जब तुम्हारे बाद आने बाले लोग उस देश को छेड़ेंगे तो अपने साथ अनेक अच्छी वस्तुएं ले जायेंगे।”
15 “तुम बहुत लम्बी आयु तक जीवित रहोगे। तुम शान्ति के साथ मरोगे और तुम अपने पुरखाओं के पास दफनाए जाओगे। 16 चार पीढ़ियों के बाद तुम्हारे लोग इसी प्रदेश में फिर आएंगे। उस समय तुम्हारे लोग एमोरियों को हरांएगे। यहाँ रहने वाले एमोरियों को, दण्ड देने के लिए मैं तुम्हारे लोगों का प्रयोग करूँगा। यह बात भविष्य में होगी क्योंकि एमोरी दण्ड पाने येग्य बुरे अभी नहीं हुए हैं।”
17 जब सूरज ढ़ल गया, तो बहुत अंधेरा छा गया। मृत जानवर अभी तक जमीन पर पड़े हुए थे। हर जानवर दो भागों में कटे पड़े थे। उसी समय धुएँ तथा आग का एक खम्भा मरे जानवरों के तुकड़ों के बीच से गुजरा।
18 इस तरह उस दिन यहोवा ने अब्राम को वचन दिया और उसके साथ वाचा की। यहोवा ने कहा, “मैं यह प्रदेश तुम्हारे वंशजों को दूँगा। मैं मिस्र की नदी और बड़ी नदी परात के बीच का प्रदेश उनको दूँगा। 19 यह देश केनी, कनिज्जी, कदमोनी, 20 हित्ती, परीज्जी, रपाई, 21 एमोरी, कनानी, गिर्गाशी तथा यबूसी लोगों का है।”
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