याकूब प्रभु से एक वादा दिया गया था लेकिन वह अपनी योजना करना चाहता था। उसने सोचा कि वह था और अधिक ज्ञान तो भगवान लेकिन वह गर्व की वजह से भुगतना होगा।
याकूब ने अपने पिता से झूठ बोला एक आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। वह प्रभु पर विश्वास किया जाए तो भगवान भगवान की सबसे अच्छी तरह से आशीर्वाद दिया गया होता।
हम भगवान में विश्वास करने के लिए और हमारे ज्ञान पर निर्भर नहीं की जरूरत है।
याकूब ने अपने भाई के साथ समस्याओं का कारण है, क्योंकि वह प्रभु में विश्वास नहीं किया जाएगा।
उत्पत्ति 27:21-30
21 तब इसहाक ने याकूब से कहा, “मेरे पुत्र मेरे पास आओ जिससे मैं तुम्हें छू सकूँ। यदि मैं तुम्हें छू सकूँगा तो मैं यह जान जाऊँगा कि तुम वास्तव में मेरे पुत्र एसाव ही हो।”
22 याकूब अपने पिता इसहाक के पास गया। इसहाक ने उसे छुआ और कहा, “तुम्हारी आवाज़ याकूब की आवाज़ जैसी है। लेकिन तुम्हारी बाहें एसाव की रोंएदार बाहों की तरह हैं।” 23 इसहाक यह नहीं जान पाया कि यह याकूब है क्योंकि उसकी बाहें एसाव की बाहों की तरह रोएंदार थीं। इसलिए इसहाक ने याकूब को आशीर्वाद दिया।
24 इसहाक ने कहा, “क्या सचमुच तुम मेरे पुत्र एसाव हो?”
याकूब ने उत्तर दिया, “हाँ, मैं हूँ।”
याकूब के लिए “आशीर्वाद”
25 तब इसहाक ने कहा, “भोजन लाओ। मैं इसे खाऊँगा और तुम्हें आशीर्वाद दूँगा।” इसलिए याकूब ने उसे भोजन दिया और उसने खाया। याकूब ने उसे दाखमधु दी, और उसने उसे पिया।26 तब इसहाक ने उससे कहा, “पुत्र, मेरे करीब आओ और मुझे चूमो।” 27 इसलिए याकूब अपने पिता के पास गया और उसे चूमा। इसहाक ने एसाव के कपड़ों की गन्ध पाई और उसको आशीर्वाद दिया। इसहाक ने कहा,
“अहा, मेरे पुत्र की सुगन्ध यहोवा से वरदान पाए
खेतों की सुगन्ध की तरह है।
28 यहोवा तुम्हें बहुत वर्षा दे।
जिससे तुम्हें बहुत फसल और दाखमधु मिले।
29 सभी लोग तुम्हारी सेवा करें।
राष्ट्र तुम्हारे सामने झुकें।
तुम अपने भाईयों के ऊपर शासक होगे।
तुम्हारी माँ के पुत्र तुम्हारे सामने झुकेंगे और तुम्हारी आज्ञा मानेंगे।
हर एक व्यक्ति जो तुम्हें शाप देगा, शाप पाएगा
और हर एक व्यक्ति जो तुम्हें आशीर्वाद देगा, आशीर्वाद पाएगा।”
खेतों की सुगन्ध की तरह है।
28 यहोवा तुम्हें बहुत वर्षा दे।
जिससे तुम्हें बहुत फसल और दाखमधु मिले।
29 सभी लोग तुम्हारी सेवा करें।
राष्ट्र तुम्हारे सामने झुकें।
तुम अपने भाईयों के ऊपर शासक होगे।
तुम्हारी माँ के पुत्र तुम्हारे सामने झुकेंगे और तुम्हारी आज्ञा मानेंगे।
हर एक व्यक्ति जो तुम्हें शाप देगा, शाप पाएगा
और हर एक व्यक्ति जो तुम्हें आशीर्वाद देगा, आशीर्वाद पाएगा।”
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