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Thursday, January 22, 2015

एक दुनिया और एक भाषा

उत्पत्ति की पुस्तक भाषाओं का इतिहास बताते हैं। इस दुनिया में कई भाषाएं हैं।
हम कोलाहल के टावर के दिन के रूप में इसी तरह के दौर में रह रहे हैं। हर कोई किसी भी समस्याओं के बिना एक दूसरे के साथ संवाद कर सकते हैं आज हम हमारी मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी है।
लोग दुनिया एक तो हम हर समस्या को जीत सकते हैं लगता है कि लोगों को भगवान के तरीके से नफरत है और उनके अहं को बढ़ावा देने के लिए पसंद है।
इस अध्याय के इतिहास भगवान भाषा उलझन में है कि सिखाता है। यह इतिहास लोगों को दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए चला गया है कि सिखाता है।



उत्पत्ति 11:1-9

 बाढ़ के बाद सारा संसार एक ही भाषा बोलता था। सभी लोग एक ही शब्द समूह का प्रयोग करते थे। लोग पूर्व से बढ़े। उन्हें शिनार देश में एक मैदान मिला। लोग वहीं रहने के लिए ठहर गए। लोगों ने कहा, “हम लोगों को ईंटें बनाना और उन्हें आग में तपाना चाहिए, ताकि वे कठोर हो जाएं।” इसलिए लोगों ने अपने घर बनाने के लिए पत्थरों के स्थान पर ईंटों का प्रयोग किया और लोगों ने गारे के स्थान पर राल का प्रयोग किया।

लोगों ने कहा, “हम अपने लिए एक नगर बनाएं और हम एक बहुत ऊँची इमारत बनाएँगे जो आकाश को छुएगी। हम लोग प्रसिद्ध हो जाएँगे। आगर हम लोग ऐसा करेंगे तो पूरी धरती पर बिखरेंगे नहीं, हम लोग एक जगह पर एक साथ रहेंगे।”
यहोवा, नगर और बहुत ऊँची इमारत को देखने के लिए नीचे आया। यहोवा ने लोगों को यह सब बनाते देखा। यहोवा ने कहा, “ये सभी लोग एक ही भाषा बोलते हैं और मैं देखता हूँ कि वे इस काम को करने के लिए एकजुट हैं। यह तो, ये जो कुछ कर सकते हैं उसका केवल आरम्भ है। शीघ्र ही वे वह सब कुछ करने के योग्य हो जाएँगे जो ये करना चाहेंगे। इसलिए आओ हम नीचे चले और इनकी भाषा को गड़बड़ कर दें। तब ये एक दूसरे की बात नहीं समझेंगे।”
यहोवा ने लोगों को पूरी पृथ्वी पर फैला दिया। इससे लोगों ने नगर को बनाना पूरा नहीं किया। यही वह जगह थी जहाँ यहोवा ने पूरे संसार की भाषा को गड़बड़ कर दिया था। इसलिए इस जगह का नाम बाबुल पड़ा। इस प्रकार यहोवा ने उस जगह से लोगों को पृथ्वी के सभी देशों में फैलाया।

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