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Monday, March 16, 2015

भगवान की दया

लोग भगवान की दया का अनुभव कर सकते हैं। मानव जाति भगवान की कृपा के लायक नहीं है, लेकिन हम एक आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं

एक व्यक्ति प्रभु को अस्वीकार और उनके पाप में मर सकते हैं। वह व्यक्ति नरक के पात्र हैं।

एक व्यक्ति को यीशु के क्रूस स्वीकार कर सकते हैं एक व्यक्ति तो यीशु को स्वीकार करते हैं कि व्यक्ति को माफ कर दिया है

हाजिरा अकेला था और वह प्रभु को रोया। प्रभु उसके रोने की आवाज सुनी। वह प्रभु उसे रोना सुना है कि आभारी था हाजिरा इश्माएल को जन्म दिया।

भगवान हाजिरा और इश्माएल के साथ एक रिश्ता है करने के लिए वांछित भगवान अरबी लोगों को प्यार करता है। अरबी लोग इस विचार का एहसास करने की जरूरत है यीशु ने इस दुनिया में आया और क्रूस पर मृत्यु हो गई। फिर वह मृत्यु पर विजय प्राप्त की

वे पश्चाताप जब अरबी लोग पापी स्वभाव से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं तब वे यीशु का पालन करने की जरूरत है। यीशु परमेश्वर और उद्धारकर्ता है



उत्पत्ति 16:13-16

 

13 तब यहोवा ने हाजिरा से बातें कीं उसने परमेश्वर को जो उससे बातें कर रहा था, एक नए नाम से पुकारा। उसने कहा, “तुम वह ‘यहोवा हो जो मुझे देखता है।’” उसने उसे वह नाम इसलिए दिया क्योंकि उसने अपने—आप से कहा, “मैंने देखा है कि वह मेरे ऊपर नज़र रखता है।” 14 इसलिए उस कुएँ का नाम लहैरोई पड़ा। यह कुआँ कादेश तथा बेरेद के बीच में है।
15 हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया। अब्राम ने पुत्र का नाम इश्माएल रखा। 16 अब्राम उस समय छियासी वर्ष का था जब हाजिरा ने इश्माएल को जन्म दिया।

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